कांग्रेस के राज में बढ़ रहा है खनन माफिया, हिमाचल में बड़ा क्राइम रेट : तोमर
DPLN ( शिमला )
4 अगस्त। भाजपा प्रवक्ता बलदेव तोमर ने कहा कि कांग्रेस के राज में पूरे हिमाचल प्रदेश में खनन माफिया पनप रहा है और साथ ही जब से कांग्रेस सरकार हिमाचल में विराजमान हुई है तब से हिमाचल प्रदेश में क्राइम की दरें बढ़ी है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिमाचल में अवैध खनन की दृष्टि से 7 महीने के भीतर 4,360 मामले सामने आए है। खनन माफिया के 7 मामले कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजे गए हैं। इसके अलावा 854 चालान विभिन्न न्यायालयों में भेजे गए हैं। इसके अलावा खनन अधिनियम में 29 मामले दर्ज किए गए हैं।अभी तक खनन माफिया पर शिकंजा कसने के लिए कोई स्थाई नीति नहीं आ पाई है हिमाचल के लिए बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा की साल के पहले छह महीनों में प्रदेश में विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामलों का आंकड़ा दस हजार को पार कर गया है। जनवरी से जून तक मर्डर के 45 व दुराचार के 177 मामलों के साथ कुल 10142 मामले दर्ज हुए हैं। प्रदेश पुलिस ने नशे पर नकेल कसने की मुहिम जारी रखी है और छह माह में कुल 1230 मामले दर्ज किए हैं । इस अवधि में जिला शिमला में आठ, जिला बिलासपुर में छह और जिला चंबा में चार मामलों के साथ कत्ल के कुल 45 मामले सामने आए हैं। जिला मंडी में नौ और जिला ऊना व बीबीएन क्षेत्र में चार – चार मामलों के साथ हत्या के प्रयास के कुल 34 मामले भी दर्ज किए हैं । जिला मंडी में 27, कांगड़ा में 23 और सिरमौर में 21 मामलों के साथ प्रदेश में छह माह में दुराचार के कुल 177 मामले दर्ज हुए हैं। एनडीपीएस की विभिन्न धाराओं के तहत शिमला में 278, मंडी में 150 और कुल्लू में 142 मामलों के साथ प्रदेश में कुल 1230 मामले दर्ज किए हैं। एक्साइज एक्ट के तहत जिला मंडी में 243, कांगड़ा में 228 और चंबा में 209 मामलों के साथ प्रदेश में कुल दर्ज मामलों का आंकड़ा 1714 रहा है। छह माह के दौरान महिलाओं से छेड़छाड़ के कुल 248 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें जिला मंडी में 42, जिला कांगड़ा में 41 और जिला शिमला में 27 मामले सामने आए हैं । प्रदेश में छह माह में आई एक्ट के तहत कुल 22 और फोरेस्ट एक्ट के तहत 74 मामले दर्ज हुए हैं। इस दौरान चोरी की 361 वारदातें हुई, जिनमें जिला सोलन में 51, सिरमौर में 44 और ऊना में 42 मामले दर्ज हुए।
उन्होंने कहा की पिछले दिनों ऊना जिला में भी कई मामले ऐसे आए हैं जिसमें गुनहगारों ने पुलिस वालों को ही दबोच लिया था, अगर मुजरिमों के हौसले इतने बुलंद है तो भारतीय जनता पार्टी यह पूछती है कि यह सब किसके संरक्षण पर हो रहा है।