अपूर्व देवगन ने हस्त निर्मित राखियों के मेले का किया शुभारंभ
जिला स्तरीय राखी थाली प्रतियोगिता का भी किया गया आयोजन प्रतियोगिता के विजेताओं को उपायुक्त ने वितरित किए इनाम
DPLN ( चंबा )
25 अगस्त । उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।यह बात आज उपायुक्त ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विभिन्न उपमंडलों के स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्त निर्मित राखियों के जिला मुख्यालय में आयोजित मेले के शुभारंभ के उपरांत प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कही। मेले के दौरान जिला स्तरीय राखी थाली प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाई गई राखियों का अवलोकन भी किया। प्रतियोगिता में 6 विकासखंडों के 18 स्वंय सहायता समूहों ने भाग लिया । उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए इस प्रकार के मेलों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा समय-समय पर स्वयं सहायता समूहों को पारंपरिक हस्त कलाओं को उजागर करने के लिए प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि महिला द्वारा हाथों से निर्मित की गई राखियों की बिक्री जिला के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर की जा रही है इसके अतिरिक्त इन राखियों की बिक्री हिम ईरा दुकानों, बस स्टैंड, पोस्ट ऑफिस के बाहर भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर भी स्वंय सहायता समूहों द्वारा हाथों से निर्मित राखियां बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। उपायुक्त में प्रतियोगिता के विजेता रहे समूहों को नगद इनाम भी वितरित किए। इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा, उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ओपी ठाकुर, परियोजना अर्थशास्त्री विनोद कुमार, एनआरएलएम कोऑर्डिनेटर मनजीत कौर सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। ……… यह रहे प्रतियोगिता के विजेता प्रथम स्थान पर रहे विकासखंड चंबा के आस्था स्वंय सहायता समूह को 2100 रुपए नगद इनाम ,द्वितीय स्थान पर रहे विकासखंड चंबा के धनेश्वरी स्वंय सहायता समूह को 1500 रुपए जबकि तृतीय स्थान पर रहे विकासखंड मैहला के सरस्वती स्वंय सहायता समूह को 1000 रुपए इनाम के तौर पर प्रदान किया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले स्वयं सहायता समूहों को 800 रुपयों की प्रोत्साहन राशि भी दी गई।