मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत जागरूकता शिविर आयोजित

शिविर का मुख्य उद्देश्य योजना बारे ग्रामीण लोगों को जागरूक करके योजना से जोड़ना है – विश्व मोहन देव चौहान

शिविर में पंचायत प्रतिनिधियों व आंगनबाड़ी वर्करस को किया जागरूक

DPLN ( ऊना )
20 सितम्बर । मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को कल्याण भवन में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा आंगबाड़ी वर्करस के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के बारे ग्रामीण स्तर तक लोगों को जागरूक करना है ताकि पात्र लोगों तक इस योजना के साथ लाभान्वित किया जा सके। शिविर की अध्यक्षता एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान ने की।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पंचायत प्रतिनिधि तथा आंगबाड़ी वर्करस एक सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने उपस्थित समस्त पंचायत प्रतिनिधियों व आंगनबाड़ी वर्करस को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने का आहवान किया ताकि पात्र व्यक्तियों को योजना से जोड़ा जा सके।
एसडीएम ने बताया कि जिला में अब तक 37 पात्र मामलों इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उच्च स्तर पर भेज दिया गया है।मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 18 से 27 वर्ष की आयु वर्ग के अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई ऐसे सभी अनाथ बच्चों की सुविधा में सक्रिय भूमिका निभाएगी। अनाथ बच्चों की पात्रता जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रमाणित की जाएगी। उसके उपरांत वरीयता के साथ पूरा मामला उपायुक्त को भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न लाभ प्रदान किए जाएंगे जिसमें सामाजिक सुरक्षा के तहत बाल-बालिका आश्रमों में रहने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए आवर्ती जमा (आरडी) खाता खोला जाएगा और जिला बाल संरक्षण अधिकारी के साथ संयुक्त संचालन में खाते आयोजित किए जाएंगे।
उत्सव भत्ता
इस योजना के तहत उत्सव भत्ता 500 रुपये प्रति बच्चा बाल देखभाल संस्थानों, राज्य गृह सह संरक्षण गृह, शक्ति सदन और वृद्धाश्रम के निवासियों के बैंक खाते में मुख्य त्योहार मनाने के लिए हस्तांतरित किया जाएगा।
भूमि का आवंटन और घर के निर्माण के लिए अनुदान
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति जो 27 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हो गया है और जो भूमिहीन है, वह टीसीपी मानदंडों के अनुसार एक बार सरकारी भूमि यानी तीन बिस्वा और अपने पूरे जीवन काल के दौरान किसी भी समय घर के निर्माण के लिए आवास अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। आवास निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे, ग्रामीण विकास की आवास योजना के पूरक के रूप में अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत आवास निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाएगी।
राज्य के बाहर वार्षिक शैक्षिक यात्रा
इस योजना के अंतर्गत भारत के विभिन्न स्थलों, ऐतिहासिक स्थलों के लिए शैक्षिक भ्रमण, भ्रमण-यात्रा का आयोजन प्रति वर्ष 15 दिनों के लिए किया जाएगा। बच्चों के लिए यात्रा की व्यवस्था शताब्दी (चेयर कार), एसी वॉल्वो, एयर सुविधा द्वारा की जाएगी। ऐसे दौरों के दौरान ठहरने की व्यवस्था तीन सितारा होटलों में की जाएगी।
कोचिंग सुविधा
इस योजना के अंतर्गत ऑनलाइन कोचिंग आयोजित की जाएगी और ऑफ लाइन कोचिंग सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। हायर सेकेंडरी और ग्रेजुएशन के दौरान कोचिंग दी जाएगी। कोचिंग के लिए प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। पाठ्यक्रम के दौरान प्रति व्यक्ति प्रति माह 4 हजार रुपये का मासिक वजीफा भी प्रदान किया जाएगा।
उच्च शिक्षा (शैक्षणिक), व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास
हिमाचल प्रदेश राज्य से संबंधित 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद पात्र बच्चों, व्यक्तियों के लिए छात्रावास व मैस शुल्क और ट्यूशन फीस सहित उच्च शिक्षा (शैक्षणिक), व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास) का सभी व्यय वास्तविक दरों पर वहन करेगा। अध्ययन अवधि के दौरान उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए प्रति माह 4 हजार रुपये का वजीफा दिया जाएगा। यदि संस्थान में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो सरकार डिग्री, पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक छात्रावास के बाहर रहने और रहने का पूरा खर्चा भी वहन करेगी।
स्वरोजगार सहायता योजना के अंतर्गत लघु, सूक्ष्म उद्योगों के लिए अनुदान-
उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद अपना निजी कार्य स्थापित करना चाहते हैं तो उन्हें प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये की एक बार वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिससे वे आजीविका अर्जित कर सकें। ये व्यक्ति मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के तहत ऋण लाभ के हकदार होंगे। मिशन वात्सल्य योजना के पूर्व लाभार्थी या कोई अन्य अनाथ सरकार की किसी अन्य योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे। हालांकि, योजनाओं की समान प्रकृति के लिए लाभ केवल एक योजना के तहत दिया जाएगा।
विवाह अनुदान
योजना के तहत मिशन वात्सल्य के सभी पूर्व लाभार्थियों या 18 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हुए लोगों को कानून के अनुसार विवाह योग्य आयु प्राप्त करने के बाद एक बार विवाह अनुदान 2 लाख रुपये या वास्तविक जो भी कम हो, प्रदान किया जाएगा, जिसमें से 51 हजार रुपये व्यक्ति के विवाह के समय शगुन के रूप में लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे।एकल नारी योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एकल महिला जिसका पति पिछले सात साल या उससे अधिक समय से लापता है या महिला जो अपने पति द्वारा त्याग दी गई है या अपने पति से अलग रह रही है या अपने माता-पिता के साथ रह रही है के संबंध में प्रमाण पत्र पंचायत सचिव और प्रधान रिपोर्ट पर बीडीओ द्वारा जारी किया जाएगा।इन योजनाओं के तहत यदि कोई भी इच्छुक बच्चा, व्यक्ति लाभ लेना चाहता है तो जिला बाल संरक्षण ईकाई कार्यालय या क्षेत्र के बाल विकास परियोजना कार्यालय से योजना का लाभ लेने हेतू फॉर्म प्राप्त कर सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए प्रार्थी को संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी के माध्यम से आवेदन करना होगा। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय दूरभाष 01975-225850 व मोबाइल नम्बर 82196-04768 या जिला बाल संरक्षण अधिकारी ऊना से सम्पर्क कर सकते हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार ने विभाग द्वारा चलाई रही विभिन्न योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1 सितम्बर से 30 सितम्बर तक पोषण माह आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत लोगों को पोष्टिक आहार बारे जागरूक किया जा रहा है।इस मौके पर पोषण माह अभियान के तहत आंगनबाड़ी वर्करस द्वारा मिलेटस के बारे में जागरूक करने के लिए मोटे अनाज से बने खाद्य व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका एसडीएम ने अवलोकन किया तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता की सराहना भी की। इस अवसर पर बीडीओ केएल वर्मा व सीडीपीओ कुलदीप सिंह दयाल सहित अन्य उपस्थित रहे।

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