स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर को दिखाएं आसानी से संभव है इलाज
DPLN ( मंडी )
27 सितंबर। स्क्रब टाइफस बुखार का इलाज आसानी से संभव है। इससे किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। यह संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलने वाला रोग है और समय पर डॉक्टरी सलाह से आसानी से इसका इलाज संभव है। जरूरत है तो केवल आवश्यक सावधानी बरतने, सचेत रहने और समय पर इलाज की। कैसे फैलता है स्क्रब टाइफस मुख्य चिकित्सा अधिकारी मंडी डॉ.एन.के. भारद्वाज बताते हैं कि स्क्रब टाईफस बुखार एक खतरनाक जीवाणु रिकेटशिया से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाडि़यों व घास में रहने वाले चूहों से पनपता है। यह जीवाणु चमड़ी के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टाइफस बुखार पैदा करता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। ये लक्षण दिखें तो तुरंत लें चिकित्सकीय परामर्श मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्क्रब टाइफस के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताते हैं कि जोड़ों में भयंकर दर्द और कंपकपी के साथ किसी व्यक्ति को 104 से 105 डिग्री का तेज बुखार होने और शरीर में अकड़न का थकावट महसूस होने पर तुरंत डॉक्टरी जांच करवा लेनी चाहिए। ज्यादा संक्रमण में गर्दन, बाजुओं के नीचे, कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होने जैसे लक्षण भी स्क्रब टाइफस के हमले की निशानी हो सकते हैं, ऐसे किसी भी लक्षण में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं। इसके अलावा भी बुखार कैसा भी हो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। स्वच्छता का रखें ध्यान घर और आसपास साफ-सफाई रखें, घास-झाडि़यां न उगने दें। पानी जमा न होने दें। घर के अन्दर-बाहर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। शरीर की स्वच्छता का ख्याल रखें । खेतों में काम करते समय अपने शरीर को विशेषकर हाथ-टांगे और पैर ढक कर रखें। क्या कहते हैं जिलाधीश जिलाधीश अरिंदम चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुरूप जिला प्रशासन लोगों को स्क्रब टाइफस, डेंगू और अन्य जीवाणु तथा वायरस जनित रोगों से बचाव को लेकर शिक्षित करने पर विशेष बल दे रहा है। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थानों को इनसे जुड़े उपचार को लेकर हर जरूरी सुविधा से लैस किया गया है। उन्होंने लोगों से स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर जागरूकता के जन अभियान में सक्रिय सहयोग की अपील की है।