शिवरात्रि मेले की लघु जलेब
DPLN ( मंडी )
8 मार्च। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर मंडी जिला प्रशासन ने लघु जलेब निकाल कर बाबा भूतनाथ को मंडी में 9 मार्च से आरंभ होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले का विधि विधान पूर्वक न्योता दिया। मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन अपनी धर्मपत्नी श्वेता कुमार के साथ राज देवता श्री माधोराय की ओर से बाबा भूतनाथ को शिवरात्रि मेले का निमंत्रण देने उनके दरबार पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने भूतनाथ मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना की।
उपायुक्त की अगुवाई में अन्य गणमान्यों ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ देव माधोराय मंदिर से पुलिस की टुकड़ी, होमगार्ड बैंड और मंडी जनपद के कुछ राज देवताओं के साथ भूतनाथ मंदिर तक लघु जलेब में भाग लिया। इस अवसर पर नगर निगम महापौर विरेंद्र भट्ट एवं पार्षदगण, सर्व देवता समाज समिति के प्रधान शिव पाल शर्मा व समिति के अन्य प्रतिनिधि, अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर, अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार, एसडीएम ओम कांत ठाकुर, नगर निगम के आयुक्त एच.एस.राणा सहित अन्य अधिकारी तथा नगरवासी उपस्थित रहे।
शिवरात्रि हवन यज्ञ का भव्य आयोजन
इससे पहले राज देवता माधो राय जी के प्रांगण में पारंपरिक शिवरात्रि हवन यज्ञ का भव्य आयोजन किया गया। उपायुक्त अपूर्व देवगन, उनकी धर्मपत्नी श्वेता कुमार, सुपुत्र अश्वित और माता पूनम के साथ साथ यज्ञ में मंडी वासियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।
इसके उपरांत उपायुक्त ने सर्व देवता समिति के प्रतिनिधियों के साथ राज माधोराय मंदिर में पूजा-अर्चना की । प्रशासन ने भगवान राज माधोराय से शिवरात्रि मेले के सफल आयोजन का आशीर्वाद लिया। इस अलावा उपायुक्त ने अपनी पूरी टीम के साथ माता टारना मंदिर में माथा टेका और बड़ा देव कमरूनाग जी की पूजा अर्चना की।
अपूर्व देवगन ने सभी लोगों को महा शिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए मंडी के अंतरराष्ट्रीय मेले में पधारने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि मंडी शिवरात्रि को हम विशेष तौर से देव संस्कृति और यहां की समृद्ध परंपराओं को प्रमुखता देते हुए मना रहे हैं। 9 से 15 मार्च तक के इस आयोजन में देवी-देवताओं, उनसे जुड़ी पवित्र परंपराओं और समृद्ध देव संस्कृति से आम जनता को जोड़ने पर खास जोर रहेगा ।
उपायुक्त ने कहा कि हमारा प्रयास है कि देव आस्था का यह महा समागम देव संस्कृति को और मजबूती देने में सहायक हो । युवा पीढ़ी का इससे जुड़ाव और गहरा हो। इसके लिए सभी परंपराओं का पूरी श्रद्धा से निर्वहन करते हुए इनमें जनता की भागीदारी तय बनाने पर खास ध्यान दिया गया है।