बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए गौशाला के लिए दिए जाने वाली मदद को किसानों के लिए भी प्रदान करने पर सरकार कर रही विचार
डेली पब्लिक लाइव न्यूज़ (कुल्लू )
22 नवंबर। किसानों को आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाने के लिए प्रदेश सरकार, बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए जो सहायता राशि गौशाला संचालकों प्रति पशु 700 प्रतिमाह के हिसाब से दी जाती है उस राशि को किसानों को भी प्रदान करने के लिए सरकार विचार कर रही है।
यह बात आज कुल्लू के अखाड़ा सब्जी मंडी में आयोजित किसान मेला के दौरान उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने कही।उन्होंने कहा कि सरकार बेसहारा पशुओं से किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान का समाधान ढूंढने के लिए भी प्रयास कर रही है। वर्तमान में पूरे प्रदेश पशुगणना का कार्य चल रहा है। इस कार्य के पूर्ण होने के पश्चात सरकार प्रयास करेगी कि बेसहारा पशुओं से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।उन्होंने कहा कि कृषि भारतवर्ष का सबसे बड़ा व्यवसाय है । भारत के 70% लोग अपनी आर्थिक आवश्यकता के लिए कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की आय में बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नीतियां लागू कर रही है जिसका उद्देश्य है कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो तथा उनका आर्थिक पिछड़ापन दूर किया जा सके।उन्होंने कहा इसके लिए सरकार गाय के दूध का मूल्य किसानों को 45 से ₹50 तथा भैंस के दूध का मूल्य 50 से 55 रुपए मिले इसके लिए प्रयासरत है।उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि में किसानों को कम जोत में अधिक आए सृजित करने वाली फसलों पर जोर देना चाहिए जिसके लिए जीरा, मेथी, सौंफ आदि फसलों से अधिक आय कमाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि गैर मौसमी सब्जियां उगा कर भी किसान अच्छा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं क्योंकि बरसात के मौसम में सब्जियों की मांग पहाड़ी क्षेत्र के उत्पादन से ही पूरी होती है।उन्होंने विश्वविद्यालय में कृषि क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान कार्य को किसानों तक पहुंचाने पर भी बल दिया तथा प्रगतिशील किसानों के अनुभवों के साझा करने की बात भी कहीं।इस अवसर पर उन्होंने कृषि एवं पशुपालन विभाग सहित विभिन्न कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनियों की प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया।