वक्फ संशोधन विधेयक वास्तव में वक्फ के लाभ का विधेयक है…बिंदल
डेली पब्लिक लाइव न्यूज़ (शिमला )
2 अप्रैल। डाॅ. राजीव बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक वास्तव में वक्फ के लाभ का विधेयक है। उन्होनें कहा कि 2006 में एक कमीशन बैठा और उस कमीशन ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और उस रिपोर्ट के अनुसार जो सुधार होने चाहिए थे, वो नहीं हुए। सच्चर कमेटी ने 2006 में रिपोर्ट दी और उसके बाद संयुक्त संसदीय समिति ने 2008 में रिपोर्ट प्रस्तुत की और उस रिपोर्ट के आधार पर ये पाया गया कि वक्फ संपतियांे के उपर बहुत बड़ी मात्रा में गैर कानूनी कब्जे पूरे देश भर में हैं अर्थात वक्फ की जो संपतियां हैं उसके उपर लोगों ने नाजायज रूप से कब्जा कर रखा है और वक्फ की आमदनी निरंतर घट रही है।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि 2013 में तात्कालिक कांग्रेस की सरकार ने इसके अंदर कुछ परिवर्तन किए और उन परिवर्तनो में कुछ अच्छे परिवर्तन थे जो प्रशासनिक दृष्टि से बेहतरी के थे परन्तु कुछ ऐसे परिवर्तन थे जिससे महिलाओं की और बाकियों की भागीदारी इसमें घटती थी। उन्होनें कहा कि आज जो संसद में वक्फ विधेयक पारित हुआ है उसका बहुत बड़ा लाभ देश भर की वक्फ की संपतियों को मिलने वाला है।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि इसके अंदर मुख्य रूप जो निजी ट्रस्ट है उसको वक्फ से अलग करना है। उन्होनें कहा कि निजी ट्रस्ट जब वक्फ पर भारी हो जाएंगे तो वक्फ भारी हो जाएगा। इसके अंदर हमको टैक्नोलाॅजी का उपयोग करते हुए सारी संपतियांे का डिजिटीलाइजेशन करना और उसको पूरी तरह केन्द्रीय वक्फ बोर्ड से नियंत्रित करना ताकि संपतियो को जो खुर्द-फुर्द करने का काम जो काम चला है, वो न चल सके। उन्होनें कहा कि जो पारिवारिक वक्फ है उसके अंदर महिलाओं को अधिकार दिलाना और पारदर्शिता के साथ वक्फ संपतियां उनका नियंत्रण हो यह इसमें एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि वक्फ बोर्ड की आमदनी लगातार घटती जा रही है। स्थिति यहां तक आ गई है कि करोड़ांे की आमदनी लाखों में पहुंच गई है अर्थात बहुत बड़ी मात्रा में जो वक्फ की संपतियां है उनका किराया न आना, उनकी आमदनी न आना जिसके कारण बहुत बड़ा नुकसान वक्फ बोर्ड को हो रहा है। इस दृष्टि से जो सेवा के काम, धार्मिक काम, अन्य काम वक्फ के द्वारा चलने चाहिए और जो गरीब मुसलमान है, जो पसमादा मुसलमान है उनके कल्याण के लिए अनेक-अनेक काम और उनकी भागीदारी इसमें सुनिश्चित करना इस प्रकार जो मुस्लिम समुदाय है उसकी जो संपतियां है उन संपतियों का ठीक से रखरखाव करते हुए और आमदनी को बढ़ाते हुए उसको सही अर्थों में उपयोग करना है।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि यह विधेयक धार्मिक दृष्टिकोण है से पूरी तरह अलग है। यह एक प्रशासनिक इकाई है, यह बात बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए और इसमें किसी को गुमराह होने या गुमराह करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होनंे कहा कि यह जो बिल पारित हुआ है मुस्लिम समुदाय के और वक्फ बोर्ड के पक्ष में है।

