क्षय रोग के खात्मे में पंचायती राज प्रतिनिधियों और गैर सरकारी संगठनों की जन भागीदारी महत्वपूर्ण – उपायुक्त

क्षय रोग के इलाज की अवधि के दौरान हर महीने मिलती है पोषण राशि

DPLN ( चंबा )
25 मार्च ।
उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि ज़िला में क्षय रोग के खात्मे को लेकर संस्थागत गतिविधियों के आयोजन में आयुष विभाग के साथ पंचायती राज प्रतिनिधियों व गैर सरकारी संगठनों की भी सक्रिय जन भागीदारी सुनिश्चित की जाए । डीसी राणा ने यह निर्देश आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित जिला स्तरीय क्षय रोग उन्मूलन समिति ,जिला टीवी फोरम व जिला स्तरीय टीवी कोमोर्वीडिटी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए ।


परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग द्वारा ज़िला में क्षय रोग के खात्मे के लिए उठाए जा रहे आवश्यक कदमों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने प्रभावी टेस्टिंग और जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के साथ विशेष कार्य योजना तैयार करने को भी कहा। उन्होंने टीवी मुक्त भारत अभियान के तहत निर्धारित किए गए लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा।
उन्होंने प्रधानमंत्री टीवी मुक्त भारत अभियान के तहत टीवी रोगियों की सहायता के लिए नि:क्षय मित्र बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के लक्ष्य भी निर्धारित किए। उन्होंने बताया कि नि:क्षय मित्र बनकर रोगियों के लिए पोषण किट देकर और जांच व रोजगार से जुड़ी मदद कर अपना सहयोग दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि नि:क्षय मित्र बनने के लिए https://communitysupport.nikshay.in पर लॉगिन करें।


उन्होंने कहा कि क्षय रोग से संबंधित जानकारी के लिए ” टीवी आरोग्य साथी” ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त टोल फ्री हेल्पलाइन 1800116666 और 01899-292638 पर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।
उपायुक्त ने बताया कि सामान्य क्षय रोगी को अपने पोषण के लिए इलाज की अवधि के दौरान हर महीने 500 रुपए की राशि दी जाती है। जबकि एमडीआर रोगी के लिए यह राशि 1500 रुपए है तथा इस राशि को सीधे रोगी के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। रोगी की पहचान करने और उसकी टेस्टिंग के लिए आशा वर्कर को भी विशेष प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है।
इसके पश्चात उपायुक्त ने एचआईवी- एड्स संबंधित जिला स्तरीय परामर्श समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव का सामना ना करना पड़े, यह हम सब का सामूहिक दायित्व है। एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित माता-पिता के बच्चों को भी 18 वर्ष की आयु तक उनकी शिक्षा व अन्य जरूरतों के लिए प्रतिमाह 300 से 800 रुपए तक आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है।


इस संबंध की जानकारी और आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए खंड चिकित्सा अधिकारी या स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त एचआईवी संक्रमण से जुड़ी जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1097 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
बैठक में कार्यवाही का संचालन जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी हरित पुरी ने किया ।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कपिल शर्मा, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज चंबा डॉ पंकज गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग राकेश कुमार, चिकित्सा अधीक्षक अशोक कौशल, महाप्रबंधक उद्योग चंद्रभूषण सहित खंड चिकित्सा अधिकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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