माता रानी के दर्शनों पर शुल्क लगाने से श्रद्धालुओं की आस्था आहत होरही है : खन्ना

दरबार में नियुक्त किए गए मंदिर के मुज्य प्रबंधक या अधिकारी के पद को मुज्य सेवादार का पद घोषित करने की भी मांग की गई है

DPLN ( शिमला )
12 अगस्त। भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना से भारतीय सनातन धर्म महावीर दल का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल स्थित माता चिन्तपूर्णी जी के दरवार में माथा टेकने पर लगाए गये 1100 रूपये शुल्क को हटाने एवं मंदिर अधिकारी के स्थान पर मुख्य सेवादार लगाने हेतू मिला और एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने निवेदन किया की गत दिनों माता चिन्तपूर्णी जी के दरवार में लिफ्ट के माध्यम से माथा टेकने वाले भक्तों पर हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 1100 रूपये शुल्क लगाया है। जो कि भक्तो की आस्था, श्रद्धा पर राज्य सरकार और प्रबंधक इकाई का आघात है, जिसे किसी भी कीमत बर्दास्त नहीं किया जा सकता। जबकि राज्य सरकार माता के दरवार में आने वाले श्रद्धालुओं के कारण भारी राजस्व प्राप्त होता है फिर भी सरकार का तानाशाही रवैया समझ से बहार है। देव भूमि में सनातन धर्म से सम्बंधित और भी दर्जनों धार्मिक स्थल है। हमें अंदेशा है कि सरकार को यदि यही नहीं रोका गया तो सरकार वहां भी किसी न किसी रूप में ऐसा जजिया लगाने से पीछे नहीं हटेगी। हम आपके माध्यम से चाहते है कि हमारी प्रार्थना हिमचाल प्रदेश के माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा के नेताओं तक जोरदार ढंग से पहुंचाई जाये तांकि सरकार तुगलकी फरमान मजबूर होकर वापिस ले। हम आपके माध्यम से चाहते है कि जो मन्दिर प्रबंधक को मंदिर अधिकारी कहा जाता है। उसे मुख्य सेवादार और सेवादार का पद दिया जाये, क्योकि सिद्ध पीठ और मंदिर का कोई अधिकारी नहीं हो सकता इससे शद्धलुओं की भावनाएँ आहत होती है। यदि सरकार से प्रबन्ध नहीं किया जाता तो हिन्दू मंदिरो को हिमाचल सरकार आज़ाद कर हिन्दुओं के सपुर्द करें तांकि हिन्दू अपने मंदिरों का प्रबंधन खुद अच्छे ढंग से कर सके।इसको लेकर अविनाश राय खन्ना ने हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को एक पत्र लिखा जिसमे खन्ना ने निवेदन किया की इस पत्र के साथ संलग्न ज्ञापन मुझे भारतीय सनातन धर्म महावीर दल के पदाधिकारीयों की तरफ से प्राप्त हुआ है जिसमें बताया गया है कि हिमाचल सरकार द्वारा माता चिंतपूर्णी के दरबार में लिस्ट के माध्यम से माथा टेकने पर 1100 रुपए का शुल्क लगाया जा रहा है।” मान्यवर, जैसे कि आपको ज्ञात है कि पंजाब सहित देश के सभी राज्यों से लाखों की संज्या में श्रद्धालु माता रानी के दरबार में माथा टेकने हिमाचल प्रदेश में आते हैं। श्रद्धालुओं के हिमाचल आने से यहां की सरकार को राजस्व प्रात्त होता है, ऐसे में लिफ्ट के माध्यम से माता रानी के दर्शनों पर शुल्क लगाने से श्रद्धालुओं की आस्था आहत हो
रही है। साथ संलग्न पत्र में माता रानी के दरबार में नियुक्त किए गए मंदिर के मुज्य प्रबंधक या अधिकारी के पद को मुज्य सेवादार का पद घोषित करने की भी मांग की गई है। कृपया श्रद्धालुओं की मांग अनुसार लिस्ट के माध्यम से माता रानी के दर्शनों के लिए लगाया गया शुल्क हटाया जाए तथा मंदिर के मुज्य प्रबंधक जिसको मंदिर का मुज्य अधिकारी कहा जाता है, के पद को मुज्य सेवादार का पद घोषित किया जाए। मैं इस पत्र
द्वारा हिमाचल सरकार को यह सुझाव देना चाहता हूं कि अगर माता रानी के मंदिर में लगी हुई लिफ्ट का प्रयोग बुजुर्ग तथा बिमार श्रद्धालुओं को निशुल्क दर्शन करवाने में किया जाए तो इससे श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी।

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