अतिरिक्त उपायुक्त ने ली स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक
मंडी में 774 स्कूलों में चलाया गया है कार्यक्रम
DPLN ( मंडी )
22 अगस्त। अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने मंडी जिले में स्कूली बच्चों के समग्र स्वास्थ्य पर बल देने को कहा है। उन्होंने स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसके लिए बेहतर समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम जिले के 774 माध्यमिक, उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में क्रियान्वित किया गया है। ये हैं स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के उद्देश्य आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत चलाया गया स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम मुख्यतः बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता व्यवहार के विकास को समर्पित है। इसमें स्वास्थ्य एवं पोषण को लेकर बच्चों को आयु अनुरूप जानकारी प्रदान करने, उनमें स्वास्थ्यपरक व्यवहार का विकास तथा छोटी अवस्था में बीमारियों की पहचान और निदान पर फोकस किया गया है। इसके साथ ही किशोर आयु वय के बच्चों में कुपोषण तथा खून की कमी जैसी समस्याओं का पता लगाने और आगामी उपचार को लेकर स्वास्थ्य संस्थानों को रेफर करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं स्कूलों में स्वच्छ पेयजल के उपयोग को लेकर जागरूकता के साथ साथ किशोरियों को कुपोषण तथा मासिक धर्म को लेकर स्वच्छता व सुरक्षा को लेकर शिक्षित करने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों को योग व ध्यान के जरिए उनके समग्र स्वास्थ्य पर बल दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य तथा पोषण पर शोध को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। 720 सत्र लगा कर 25348 बच्चों को दी स्वास्थ्य शिक्षा निवेदिता नेगी ने बताया कि कार्यक्रम के तहत इस साल अप्रैल से जून माह तक स्कूलों में 720 सत्र आयोजित किए गए। जिनमें 25348 बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य, लिंग समानता, नशे के दुष्प्रभाव, इंटरनेट का सदुपयोग, परस्पर संवाद, एचआईवी पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इनमें से 613 बच्चों को आगामी निरीक्षण के लिए विभिन्न अस्पतालों में रेफर किया गया। स्कूलों में बनाए हेल्थ एंड वैलनेस एंबेसडर उन्होंने बताया कि स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों (एक महिला व एक पुरुष) को हेल्थ एंड वैलनेस एंबेसडर बनाया गया है। इन्हें बच्चों में स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों के रोकथाम के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। उन्होंने प्रशिक्षित शिक्षकों के स्थानांतरण पर इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में कोई प्रभाव न पड़े, इसके लिए स्कूलों में अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करने पर बल दिया। 2160 बच्चे बनेंगे हेल्थ एंड वैलनेस मैसेंजर उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत पियर एजुकेटर प्रोग्राम में प्रत्येक कक्षा से दो नामित छात्र व छात्रा स्वास्थ्य संबंधित संदेशों को समाज तक पहुंचाने के लिए हेल्थ एंड वैलनेस मैसेंजर के रूप में कार्य करते हैं। इसमें छठी से आठवीं कक्षा तक के 2160 बच्चे हेल्थ एंड वैलनेस मैसेंजर बनाए जाएंगे। उन्होंने बगस्याड, बलद्वाड़ा, कटौला, पधर और रोहांडा स्वास्थ्य खंड के अर्न्तगत आने वाले स्कूलों के प्रमुखों को छठी, सातवीं व आठवीं कक्षाओं के नामित छात्र व छात्राओं की सूची दो दिन के भीतर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेन्द्र भारद्वाज ने जिले में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यान्वयन की जानकारी प्रदान की। बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुराधा शर्मा, उपनिदेशक शिक्षा अमर नाथ राणा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।