-जयराम ठाकुर ने आपदा में भी लोगों को ठगा, केंद्र से प्रदेश को नहीं मिला कोई विशेष राहत पैकेज
-मुख्यमंत्री ने कुल्लू के रथ मैदान से भाजपा पर साधा निशाना
DPLN ( कुल्लू )
21 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा ने प्राकृतिक आपदा के समय राजनीतिक रोटियां सेंकने के अलावा कुछ नहीं किया। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आपदा में भी लोगों को ठगने का काम करते रहे। केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को अब तक कोई विशेष राहत पैकेज नहीं मिला है।मुख्यमंत्री कुल्लू के रथ मैदान में आपदा प्रभावित परिवारों को राहत राशि वितरित करने के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर किस आर्थिक मदद के लिए केंद्र का धन्यवाद कर रहे हैं। जो राशि अभी तक मिली है, वह स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड में हर वर्ष आती है।
जिस दिन विशेष आर्थिक सहायता मिलेगी वह खुद केंद्र सरकार का धन्यवाद करने के लिए जाएंगे। तीन केंद्रीय टीमें अभी तक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने आ चुकी हैं, लेकिन कोई विशेष पैकेज नहीं मिला। अगर केंद्र सरकार को विशेष पैकेज नहीं देना है तो प्रदेश सरकार ने जो 12000 करोड़ रुपये का क्लेम भेजा है, वही राशि ही दे दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष पैकेज मिलने पर राज्य सरकार और तेजी से काम करेगी। केंद्र सरकार अगर राहत पैकेज में देरी कर राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहती है तो जनता उसे बर्दाश्त नहीं करेगी। जनता की आह को दबाने पर लोग वोट के जरिए भाजपा को जवाब देंगे। हिमाचल में लोग कांग्रेस का साथ दें। कांग्रेस ही गरीब व आम आदमी की पार्टी है। वह राजनीतिक बात नहीं कर रहे, यह इसलिए कह रहे हैं कि हमने आपदा के तीन महीने के भीतर अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों को राहत राशि वितरित करनी शुरू कर दी है। हम चार साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएंगे और दस साल में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्धशाली राज्य होगा। किसी को रोजगार के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।मुख्यमंत्री ने आपदा के समय राहत व बचाव कार्यों में जुटने के बजाय विधानसभा का सत्र बुलाने का राग अलावे पर भी भाजपा को आड़े हाथों लिया। ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि जब लोगों की जान बचाने और राहत पहुंचाने का समय था तब पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर राजनीति करने में व्यस्त थे। अगर उस समय मानसून सत्र बुलाते तो 1000 पुलिसकर्मी की ड्यूटी विधानसभा में सुरक्षा के लिए लग जाती। सारे विभागों के अफसर विधायकों के सवालों के जवाब तैयार करने में जुट जाते, जिससे राहत व बचाव कार्य बाधित होते। कांग्रेस सरकार की पहली प्राथमिकता आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही आपदा से निपटकर सरकार अपने पैरों पर थोड़ा खड़ा हुई विधानसभा का मानसून सत्र बुलाया गया। सरकार प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और केंद्र सरकार की ओर से विशेष राहत पैकेज देने का सरकारी संकल्प विधानसभा में लाई। तीन दिन तक प्रस्ताव पर चर्चा हुई और भाजपा ने खूब राजनीतिक रोटियां सेंकी, लेकिन जब संकल्प को सर्वसम्मति से पारित करने का समय आया, भाजपा विधायकों के मुंह सिल गए। भाजपा विधायकों के समर्थन न करने के बावजूद कांग्रेस सरकार ने संकल्प को बहुमत के साथ पारित कर केंद्र सरकार को भेजा। अगर कांग्रेस पार्टी विपक्ष में होती तो इस सरकारी संकल्प का पूरा समर्थन कर आपदा प्रभावितों को राहत राशि दिलाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर साथ देती। हमने प्रदेश के अथाह कर्ज में डूबे होने के बावजूद 4500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया है, यह सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाता है। इसलिए ही मैं कहता हूं कि हम सत्ता में सत्ता सुख के लिए नहीं, व्यवस्था परिवर्तन के लिए आये हैं।