आरसीएफसी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत जोगिन्दर नगर कॉलेज में किया पौध रोपण

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत औषधीय पौधों पर शुरू करेंगे क्रेडिट कोर्स: डॉ.अरूण चंदन

औषधीय पौधों से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने को सहमति पत्र (एमओयू) पर किये हस्ताक्षर

डेली पब्लिक लाइव न्यूज़ (जोगिंदर नगर )
18 सितंबर ।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय आरसीएफसी एनआर-एक जोगिन्दर नगर के तत्वाधान में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत राजकीय महाविद्यालय जोगिन्दर नगर परिसर में पौध रोपण का आयोजन किया गया। इस दौरान कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्रों ने मिलकर कॉलेज परिसर में औषधीय पौधें का रोपण किया। साथ ही कॉलेज विद्यार्थियों को औषधीय पौधों का वितरण भी किया गया ताकि वे अपने घरों में इन पौधों का रोपण कर सकें।
इस बारे जानकारी देते हुए राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड अनुसंधान संस्थान भारतीय चिकित्सा पद्धति (आरआईआईएसएम) आरसीएफसी एनआर-एक स्थित जोगिन्दर नगर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरूण चंदन ने बताया कि एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय परिसर जोगिन्दर नगर में शिक्षकों एवं छात्रों के सहयोग से पौध रोपण किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के माध्यम से कॉलेज में औषधीय पौधों पर आधारित क्रेडिट बेस कोर्स भी शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा उत्तरी भारत क्षेत्रीय सुगमता केंद्र (आरसीएफसी), जोगिन्दर नगर और कॉलेज ने औषधीय पौधों से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किये। इस पहल का उद़देश्य कॉलेज विद्यार्थियों के मध्य नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
इस मौके पर कॉलेज की प्राचार्य प्रो. सुनीता सिंह ने कहा कि कॉलेज और आरसीएफसी जोगिन्दर नगर मिलकर औषधीय पौधों की खेती, संरक्षण और स्टार्टअप्स को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एकीकृत करने पर कार्य करेंगे। साथ ही कहा कि कॉलेज परिसर में रोपे गए औषधीय पौधों की देखभाल कॉलेज विद्यार्थी स्वयं करेंगे तथा भविष्य में कॉलेज औषधीय पौधों, आयुष एवं आयुर्वेदिक आहार पर राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के आरसीएफसी एनआर-एक के सहयोग से आईडिया हैकाथॉन का आयोजन भी करेगा।
इस अवसर पर प्रो. स्मृति ठाकुर ने औषधीय पौधों की उपयोगिता एवं महत्व बारे विस्तृत जानकारी दी तथा विद्यार्थियों से अधिक से अधिक औषधीय पौधे लगाने का भी आह्वान किया।

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