संसद में नेता प्रतिपक्ष को जाने से रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ: मुकेश अग्निहोत्री

संसद में नेता प्रतिपक्ष को जाने से रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ: मुकेश अग्निहोत्री

डेली पब्लिक लाइव न्यूज़ (धर्मशाला )
20 दिसंबर। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को संसद के अंदर जाने से रोकने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इसे इसे देश के समृद्ध लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया। धर्मशाला में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए उपमुख्यमंत्री ने संसद में प्रतिपक्ष के नेता के साथ हुए घटनाक्रम को तानाशाही करार देते हुए सरकार के इस व्यवहार की कड़ी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि यदि आप संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आम्बेडकर के खिलाफ टिप्पणी करेंगे तो इसका विरोध पूरा देश करेगा। कांग्रेस के नेता देश की आवाज बनाकर डॉ. आम्बेडकर के खिलाफ की गई टिप्पणी पर अपना विरोध जता रहे थे तभी सरकार के नेताओं ने उनकी आवाज दबाने के लिए नेता प्रतिपक्ष और उनके साथियों से अभद्र व्यवहार किया। अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतर आई है लेकिन कांग्रेस लड़ाई लड़ना जानती है। पूर्व में भी जब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को संसद से बाहर करने और उनका आवास छीनने के असफल प्रयास केंद्र की सरकार ने किए थे, तब भी कांग्रेस लोकतांत्रित हितों के लिए लड़ी थी और अंत में सत्य की जीत हुई थी। उन्होंने कहा कि संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ हुए अभद्र व्यवहार भी केंद्र की अलोकतांत्रित मानसिकता को दर्शाता है।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राहुल गांधी को संसद में जाने से रोकना और कांग्रेस नेताओं के साथ धक्का-मुक्की करना न केवल लोकतंत्र का अपमान है, बल्कि यह दिखाता है कि केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। ऐसी घटनाएं सरकार की तानाशाही मानसिकता को उजागर करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि संसद जनता की आवाज का प्रतीक है और इसमें हर नेता को अपनी बात रखने का अधिकार है।

उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष की आवाज दबाने के प्रयास सफल नहीं होंगे। कांग्रेस इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाएगी और जनता के सामने सच्चाई लाएगी। उन्होंने राहुल गांधी और अन्य नेताओं के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए इसे अस्वीकार्य बताया।

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