भारत की कुल ग्रामीण आबादी में से लगभग 45 प्रतिशत मुंह के रोगों से पीड़ित: डॉ. संजय गुप्ता

विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस पर जय मां दुर्गा नर्सिंग कॉलेज शानन (जोगिन्दर नगर) में लगा जागरूकता शिविर

डेली पब्लिक लाइव न्यूज़ (जोगिन्दर नगर )
20 मार्च।
विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस पर सूचना शिक्षा एवं सम्प्रेषण ब्यूरो, स्वास्थ्य विभाग जिला मण्डी द्वारा खण्ड चिकित्साधिकारी पधर के सहयोग से जय मां दुर्गा नर्सिंग कॉलेज शानन जोगिन्दर नगर में जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता कॉलेज की प्रधानाचार्य छविता ने की। इस मौके पर खंड चिकित्साधिकारी पधर डॉ. संजय गुप्ता भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।


इस मौके पर बोलते हुए बीएमओ पधर डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि भारत की कुल ग्रामीण आबादी में से लगभग 40 से 45 प्रतिशत मुंह के रोगों से पीड़ित है तथा लगभग 13 व्यक्ति प्रति लाख आबादी के हिसाब से मुख कैंसर लक्षणों से युक्त हैं।
उन्होंने कहा कि मुंह के रोगों के मुख्य लक्षणों में दांतों का सड़ना, दांत पर सफेद या पीले धब्बे, मसूड़ों में सूजन तथा खून निकलना, मुंह से बदबू आना, दांत में ठंडा या गर्म लगना, जीभ या मुंह में किसी भी तरह के छाले, टेढ़े-मेढ़े दांत प्रमुख हैं। साथ ही बताया कि मुंह की स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या के कारणों में जन्मजात कारण, खानपान की आदतें, दुर्घटना, शराब व तम्बाकू का अधिक प्रयोग प्रमुख हैं।
इस मौके पर बोलते हुए जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी लोक सिंह नेगी ने बताया कि मौखिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता जन्म से लेकर अंतिम समय तक रहती है, जिसमें मुंह की उचित सफाई, ब्रशिंग, संतुलित आहार, शराब व तम्बाकू पदार्थों का प्रयोग न करना प्रमुख है। उन्होंने बताया कि मौखिक रोग की समस्या पहचानने के लिए स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाती है। जांच के दौरान कोई भी समस्या पाए जाने पर मुफ्त इलाज किया जाता है। इसके अतिरिक्त तीस वर्ष की आयु से ऊपर व्यक्तियों की आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जा कर प्रश्नावली के माध्यम से जानकारी प्राप्त करके सीबैक फार्म भरा जाता है तथा मौखिक रोग की समस्या का पता लगाया जाता है।
इस मौके पर नागरिक अस्पताल पधर के चिकित्सक डॉ. मनीष चौहान ने कहा कि मुंह के स्वास्थ्य के लिए उचित रूप से ब्रशिंग, आईने के सामने खड़े होकर अपने मुंह को खोलकर मुंह की स्वयं जांच कर सकते हैं। इस दौरान यदि कोई अवांछित लक्षण जैसे छाले,सूजन या जख्म दिखे तो तुरन्त दंत रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। साथ ही कहा कि 30 वर्ष की आयु के पश्चात प्रत्येक 6 माह में अपने मुंह की जांच करवानी चाहिए। साथ ही दिन मे दो बार ब्रश करें तथा कुछ भी खाने के बाद पानी से अच्छी तरह कुल्ला करें व विशेषकर रात को सोने से पहले ब्रश अवश्य करें।
कार्यक्रम में मौखिक स्वास्थ्य को लेकर प्रशिक्षुओं ने अपने विचार भी रखे तथा प्रतिभागियों को स्मृति चिंह भेंट कर सम्मानित भी किया गया।
संस्थान की प्रधानाचार्य छविता ने कार्यक्रम आयोजन करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का आभार जताया।

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