मंडी जिला में प्रारम्भिक शिक्षा के माध्यम से छात्रवृत्ति व अन्य प्रोत्साहन योजनाओं पर 12.42 करोड़ रुपए व्यय

1,34,452 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदान करने पर व्यय किए 9.05 करोड़ रुपए

मध्याह्न भोजन योजना के तहत भोजन लागत एवं मानदेय पर 15 करोड़ रुपए हुए खर्च

डेली पब्लिक लाइव न्यूज़ (मंडी )
12 अप्रैल। किसी भी कल्याणकारी राज्य में सुलभ एवं गुणात्मक शिक्षा एक प्रमुख तत्व होता है जो एक सुशिक्षित समाज की परिकल्पना को साकार करता है। वर्तमान प्रदेश सरकार प्रत्येक बच्चे की प्रारम्भिक शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चत करने के लिए दृढ़ कदम उठा रही है। इसके दृष्टिगत पूरे प्रदेश सहित मंडी जिला में भी शिक्षा विभाग के माध्यम से विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं का सफल संचालन किया जा रहा है। गत वर्ष के कार्यकाल में वर्तमान प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति सहित अन्य योजनाओं पर जिला में लगभग 12.42 करोड़ रुपए व्यय किए हैं।

गरीब परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत आईआरडीपी छात्रवृत्ति योजना संचालित की जा रही है। मंडी जिला में इस योजना के अंतर्गत गत वर्ष पहली से आठवीं कक्षा तक के 9411 पात्र छात्र-छात्राओं को लगभग 56.48 लाख रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में डाली गई।

माध्यमिक मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन स्वरूप छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। मंडी जिला में गत वर्ष इस योजना के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के 292 छात्र-छात्राओं को लगभग 3.50 लाख रुपए प्रदान किए गए। इसी प्रकार स्वर्ण जयंती माध्यमिक मेधावी छात्रवृत्ति के तहत छठी से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को 15.12 लाख रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई।

छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ ही प्रदेश सरकार स्कूली छात्रों को निःशुल्क वर्दी, पाठ्य पुस्तकें प्रदान करने के साथ ही उन्हें पोषक दोपहर भोजन की सुविधा भी प्रदान कर रही है। स्कूल वर्दी योजना के तहत गत वर्ष जिला में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं बी.पी.एल. परिवार से संबंधित पहली से आठवीं कक्षा के 43,630 छात्र-छात्राओं को लगभग 2.62 करोड़ रुपए की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। इसके अतिरिक्त पहली से आठवीं कक्षा तक के 1,34,452 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें आवंटित की गईं। इस पर गत वर्ष 9.05 करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय की गई।

राजकीय पाठशालाओ में वितरित किए जाने वाले मध्याह्न भोजन के अंतर्गत प्राथमिक एवं अप्पर-प्राइमरी में भोजन पकाने की लागत पर लगभग 7.10 करोड़ रुपए व्यय किए गए। योजना के अंतर्गत जिला की विभिन्न प्राइमरी व अप्पर-प्राइमरी पाठशालाओं में हजारों छात्रों को लाभान्वित किया गया। इसके अतिरिक्त मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत कुक-सह-हेल्पर्स को 7.91 करोड़ रुपए के लगभग मानदेय प्रदान किया गया। इससे छात्रों को दोपहर भोजन के रूप में पोषक आहार के साथ ही हजारों लोगों को एक सुनिश्चित आय भी उपलब्ध करवाई गई है।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि शिक्षा का हमारे व्यक्तित्व विकास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है। मंडी जिला में शिक्षा विभाग के माध्यम से सरकार की विभिन्न प्रोत्साहन एवं छात्रवृत्ति योजनाओं का सभी पात्र छात्र-छात्राओं तक समयबद्ध लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है।

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