सिरमौर के कपिल कुमार बने सबसे युवा असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ जेल
DPLN ( सिरमौर )
28 दिसम्बर।
हिप्र जिला सिरमौर के दूरदराज क्षेत्र गिरिपार के शिलाई गांव में किसान परिवार में जन्मे कपिल कुमार का चयन बतौर असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ऑफ जेल के रूप में हुआ । कपिल कुमार इस पद पर पहुँचने वाले सबसे कम उम्र के युवा अधिकारी है। कपिल कुमार के पिता कल्याण सिंह व माता रुकमी देवी खेतीबाड़ी का कार्य करते है ।
कपिल कुमार की दो बहने कौशल्या व सुनीता वर्तमान में भाषा अध्यापक पद पर शिक्षा विभाग में सेवारत है तथा छोटा भाई अमित कुमार प्रतियोगि परीक्षाओ की तैयारी में जुटा है। स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल शिलाई से हुई। साइंस स्ट्रीम में 12वी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उतीर्ण की तत्पश्चात स्नातक की डिग्री सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गवर्नमेंट कॉलेज संजोली से प्रथम श्रेणी में प्राप्त की । कॉलेज से पास आउट के तुरंत बाद कड़ी लग्न के साथ जून 2016 में ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी ।
बिना कोचिंग लिए स्वयं अध्ययन से कड़ी मेहनत व संघर्ष कर दो बार राज्य सहकारी बैंक के लिपिक पद भर्ती के साक्षात्कार तक पहुँचे परन्तु अंतिम चयन नही हुआ। वर्ष 2017 में पुलिस विभाग में बतौर सिपाही भर्ती हुए। सिपाही पद पर कार्य करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी और वर्ष 2018 में कर्मचारी चयन आयोग के लिपिक पोस्ट कोड 484 में चयन हुआ परंतु जॉइन नही किया। दो बार एलाइड सर्विसेज की प्रारंभिक परीक्षा पास की परंतु मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त करने से चूक गए। यही नही सब-इंस्पेक्टर पद की प्रारंभिक परीक्षा भी पास की । वर्ष 2019 में भाषा एवं संस्कृति विभाग में बतौर Preservation Assistant पद पर अंतिम चयन से बाहर हुए। वर्ष 2020 में Metrology Inspector पद के अंतिम चयन तक पहुँचे किंतु सफलता से चूक गए। लंबे संघर्ष व मेहनत उपरांत वर्ष 2022 में बतौर असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ऑफ जेल/वेलफेयर ऑफिसर पद पर अंतिम चयन हुआ तथा अब जिला कारागार ऊना में अपनी सेवाए दे रहे है। कपिल कुमार द्वारा प्राप्त इस उपलब्धि से जहाँ माता पिता व परिवार गर्व महसूस कर रहे वही सम्पूर्ण क्षेत्र में खुशी की लहर है। कपिल कुमार का कहना है कि सिर्फ और सिर्फ कड़ी मेहनत व लग्न से मुकाम हासिल किया जा सकता । हमे असफलताओं से निराश नही होना क्योंकि असफलता ही सफलता की कुंजी है।