स्पीति घाटी के किसानों को प्राकृतिक खेती पर उनकी जागरूकता बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू

स्पीति घाटी के किसानों को प्राकृतिक खेती पर उनकी जागरूकता बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू

DPLN (सोलन)
9 जनवरी।डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के मुख्य परिसर में स्पीति घाटी के किसानों को प्राकृतिक खेती पर उनकी जागरूकता बढ़ाने के लिए तीन दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम एवं-प्रदर्शन का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण आईसीएआर के अटारी जोन -1 द्वारा वित्त पोषित किया गया था।यह प्रशिक्षण, जिसमें स्पीति घाटी की सभी 13 पंचायतों के 54 किसान प्रतिनिधि शामिल थे, ने प्रतिभागियों को प्राकृतिक कृषि गतिविधियों और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित विभिन्न मॉडलों के बारे में अवगत करवाने पर ध्यान केंद्रित किया।इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि सभी प्रतिभागी राज्य के उस क्षेत्र से संबंधित हैं जिसे भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिहाज से कठिन माना जाता है और यह जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक हैमोटे अनाज (मिलेट्स) के फायदों के बारे में बताते हुए प्रो. चंदेल ने किसानों से आग्रह किया कि वे न केवल व्यक्तिगत खपत के लिए बल्कि व्यावसायिक उपयोग के लिए भी मिलेट्स को अधिक से अधिक उगाये और इसका सेवन करे। उन्होंने किसानों से कहा कि वे प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए आगे आएं और दुनिया के सामने एक मिसाल पेश करें।

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