कुलदीप पठानिया विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका निष्पक्ष रूप से निभाएं : परमार
DPLN ( शिमला )
9 मार्च। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय होली समारोह सुजानपुर के मौके पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की उपस्थिति से हमें आपत्ति नहीं, पर जिस प्रकार से उन्होंने वहां अपना वक्तव्य रखा वो एक विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा में नहीं है । जिस प्रकार से उन्होंने बातचीत करते हुए एक कांग्रेस के प्रवक्ता की भूमिका निभाई उससे विधानसभा अध्यक्ष के आसन की धज्जियां उड़ गई।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को पता होना चाहिए कि यह पद एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं है परंतु एक संवैधानिक व्यवस्था है।जिस प्रकार से उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ऊपर टिप्पणी की वह पूर्ण रूप से दिखाता है कि वह एक राजनीतिक प्रवक्ता की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं ।ऐसा नहीं होना चाहिए और इस प्रकार की वाणी दुर्भाग्यपूर्ण है।
एक विधानसभा अध्यक्ष का कार्य पूरे सदन को साथ चलाना होता है ना केवल सत्ता का पक्ष रखना। सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष के सहयोग को लेते हुए उनको पूरा सदन चलाना होता है।
परमार ने कहा की विधानसभा अध्यक्ष ने जिस प्रकार से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बारे में कहा कि पिछले 2 महीने में उन्होंने प्रदेश में अनेकों नई योजनाएं चला दी है और भाजपा के 10 विधायक कांग्रेस के संपर्क में है यह विधानसभा अध्यक्ष के संविधानिक पद को ठेस पहुंचाता है।उन्होंने अपने वाक्य में भाजपा पर आरोप भी लगाए और छींटाकशी भी की, यह विधानसभा, अध्यक्ष पद के खिलाफ है।परमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा को विधानसभा चुनावों में भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ है और अगर मत प्रतिशत की तुलना की जाए तो कांग्रेस केवल 0.9% वोटों से जीती है।उन्होंने कहा कि कुलदीप पठानिया अभी नए-नए विधानसभा के अध्यक्ष बने हैं और लगता है कि वह विधानसभा के नियमों से परिचित नहीं है , हमारी हिमाचल विधानसभा की परंपरा सराहनीय रही है, हमारी विधानसभा उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जानी गई है और हिमाचल प्रदेश की विकास यात्रा में विधानसभा अध्यक्ष की अहम भूमिका रहती है।हम चाहते हैं कि कुलदीप पठानिया विधानसभा अध्यक्ष के रूप में विधानसभा का संचालन ठीक से करें और अगर वह एक प्रवक्ता की भूमिका में रहना चाहते हैं तो हम विधानसभा अध्यक्ष का गहरा उनके चेंबर के बाहर करेंगे क्योंकि हम इस पद्धति के खिलाफ है।