टिम्बर ट्रैल रिजाॅर्ट परवाणु में टेबल टाॅप एवं माॅक एक्सरसाइज़ आयोजित
DPLN (सोलन )
27 अप्रैल। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने कहा कि आपदा की स्थिति में समय प्रबंधन और त्वरित कार्यवाही अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपदा राहत कार्य में संलग्न कार्यवाही बल का प्रशिक्षित होना आवश्यक है। अजय यादव आज ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सोलन तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के संयुक्त तत्वाधान में सोलन ज़िला के परवाणु स्थित टिंबर ट्रेल रिसाॅर्ट (टीटीआर) के सभागार में रोप-वे के दुर्घटनाग्रस्त या अन्य कारणों से होने वाली आपदाओं से निपटने के लिए आयोजित टेबल टाॅप एक्सरसाइज़ और माॅक एक्सरसाइज़ के अयोजन के अवसर पर उपस्थित त्वरित प्रतिक्रिया बल एवं अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
अजय यादव ने कहा कि आपदा के समय जहां प्रभावित व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमज़ोर पड़ सकते है वहीं ऐसी स्थिति में राहत कार्य आरम्भ करने से पूर्व जानो-माल की क्षति का आकलन करना कठिन होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सर्वप्रथम बहुमूल्य मानवीय जीवन को बचाना सर्वोपरि होता है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय जहां एक और शीघ्रता से कार्य करना आवश्यक होता है वहीं प्रभावित व्यक्तियों का मनोबल बनाए रखना भी जरूरी होता है। ऐसी परिस्थितियों से निपटने में नियमित अभ्यास एवं तैयारी जरूरी हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप यहां अनेक स्थानों पर रज्जू मार्गों का प्रयोग किया जाता है। पर्यटन क्षेत्र में भी इनका प्रयोग बढ़ रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि रज्जू मार्ग के कारण होने वाली आपदाओं से निपटने की हमारी तैयारी पूर्ण हो। उन्होंने आज के अभ्यास में एनडीआरएफ के सहायक समादेशक से रज्जू मार्ग आपदा के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की और उचित दिशा-निर्देश जारी किए। एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केन्द्र के सहायक समादेशक संतोष कुमार ने इस अवसर पर रज्जू मार्ग की दुर्घटनाओं के कारण होने वाली आपदा के समय में किए जाने वाले कार्यों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
उन्होंने आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली के विषय में भी गहन जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि यदि सुरक्षा मामलों में त्वरित कार्यवाही प्रतिक्रिया की जानकारी हो तो भविष्य की दुर्घटनाओं से काफी हद तक बचा जा सकता है। आज के अभ्यास कार्यक्रम में टिम्बर ट्रैल प्रबंधन द्वारा ज़िला आपदा प्रबंधन के टोल-फ्री नम्बर 1077 पर दुर्घटना की जानकारी दी गई। टोल-फ्री नम्बर से आपदा प्रबंधन द्वारा परवाणु स्थित स्थानीय प्रशासन को इस संबंध में अवगत करवाया गया। सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, स्वास्थ्य, अग्निशमन, लोक निर्माण विभाग और गृह रक्षा जैसे सभी लाइन विभागों को तुरंत आपदा स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए। आपदा स्थल पर परिस्थितियों को देखते हुए समीप स्थित राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को बुलाया गया।
एनडीआरएफ द्वारा शीघ्र बचाव कार्य आरम्भ किया गया और सभी 05 प्रभावितों को सकुशल बाहर निकाला गया। ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के संयुक्त तत्वावधान में टिम्बर ट्रैल रिजाॅर्ट के सभागार में रज्जू मार्ग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से निपटने के संबंध में एक टेबर टाॅप एक्सरसाइज़ का आयोजन भी किया गया। इस अभ्यास में ज़िला सोलन के विभिन्न विभाग उपस्थित रहे। अभ्यास में सभी विभागों को माॅक ड्रिल तथा बचाव के लिए प्रयोग की जाने वाली मशीनों और उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर टिम्बर ट्रैल रोप वे का निरीक्षण भी किया गया। इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम का डेमो दिया गया। इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के तहत किसी भी आपदा या ट्रोली में फंसे लोगों के त्वरित बचाव के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वयक प्रदीप ठाकुर एवं वर्षा ठाकुर, खण्ड चिकित्सा अधिकारी परवाणु डाॅ. कविता शर्मा, नायब तहसीलदार परवाणु कमल रोहाल, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी, टिम्बर ट्रैल रिजॉर्ट के सुमित सूद एवं अन्य कर्मचारी तथा त्वरित प्रतिक्रिया बल के अधिकारी एवं जवान उपस्थित थे।