पर्यावरण एवं जल संरक्षण में हो खनिज संक्रिया अधिशुल्क का उपयोग – डाॅ. शांडिल


ज़िला खनिज संस्थान न्यास की बैठक आयोजित

DPLN( सोलन )
8 मई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन ज़िला में खनिज संक्रियाओं से प्राप्त अधिशुल्क का उपयोग पर्यावरण एवं जल संरक्षण के साथ-साथ पौधरोपण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य गतिविधियों के लिए किया जाना चाहिए। डाॅ. शांडिल आज यहां ज़िला खनिज संस्थान न्यास की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। डाॅ. शांडिल ने कहा कि खनिज संक्रियाओं के माध्यम से जहां रोज़गार एवं स्वरोज़गार के व्यापक अवसर सृजित होते हंै वहीं क्षेत्र विशेष के विकास में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला में प्राप्त खनिज संपदा के दोहन से अनेक उद्योगों को कच्चा माल इत्यादि प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि खनिज संक्रियाओं के कारण प्रदेश एवं ज़िला को अधिशुल्क के रूप में धनराशि प्राप्त होती है। इस धनराशि का 30 प्रतिशत पर्यावरण एवं जल संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पौधरोपण के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित ग्राम पंचायतों में कुल धनराशि का 60 प्रतिशत तथा 15 किलोमीटर के दायरे में स्थित शेष 40 प्रतिशत उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित स्थान, सीमा तथा धनराशि का उपयोग प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार ही किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खनन क्षेत्रों में पौधरोपण एवं जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पौधरोपण करते समय ऐसे पौधे रोपित किए जाएं जो दीर्घ अवधि तक स्वस्थ रह सकें। उन्होंने कहा कि खनन वाले क्षेत्रों में विभिन्न जल परियोजनाओं एवं पारम्परिक जल स्त्रोतों के संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाए। पारम्परिक जल स्त्रोतों एवं जल योजनाओं के प्रभावित होने की स्थिति में अधिशुल्क से प्राप्त धनराशि का उपयोग कर इन्हें संवारा जाए।
डाॅ. शांडिल ने कहा कि सभी प्रकार की खनन गतिविधियों का प्रत्येक स्तर पर नियमित अनुश्रवण आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि खनन योजना का अक्षःरश पालन किया जाए और इस कार्य के लिए गठित समिति द्वारा प्रत्येक कार्य पर नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि प्राप्त धनराशि का उचित एवं समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे ज़िले में पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित बनाना समय की मांग है। उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने ज़िला खनिज संस्थान न्यास की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी तथा अधिशुल्क की राशि को निर्धारित कार्यों में ही उपयोग किया जाएगा। बैठक में अवगत करवाया गया कि वर्तमान में सोलन ज़िला में संस्थान न्यास द्वारा व्यय की जाने वाली कुल राशि लगभग 18 करोड़ रुपये है। बैठक में अर्की, दून, नालागढ़, कसौली और सोलन विधानसभा क्षेत्रों में अधिशुल्क राशि के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई।
मुख्य संसदीय सचिव (नगर नियोजन, उद्योग तथा राजस्व) राम कुमार तथा नालागढ़ के विधायक के.एल. ठाकुर ने बैठक में बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किए।
क्षेत्रीय वन अधिकारी कुणाल अंगरीश, ज़िला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक केवल शर्मा, ज़िला खनन अधिकारी दिनेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजन उप्पल, अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, खण्ड कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, ग्राम पंचायत सलोगड़ा के पूर्व प्रधान लक्ष्मी दत्त शर्मा बैठक में उपस्थित थे।

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