मुख्यमंत्री मानते है गुटबाजी है, रेवड़ियां बांट गुटबाजी को बांधने का प्रयास : संदीपनी

काला नाग वाला बयान अशोभनीय, अभी भी कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं

DPLN ( शिमला )
3 मार्च। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप ने भारद्वाज ने कहा की मुख्यमंत्री का यह बयान कि 80 फीसदी कांग्रेस एक साथ है और बाकी 20 फीसदी में भी कुछ लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर हमसे नाराज हैं, साफ दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी और सरकार में गुटबाजी है। साथ ही बार-बार अपने विधायकों को काला नाग खेना अशोभनीय है।
बात केवल गुटबाजी की नहीं है पर इस पूरे प्रकरण में जनता पीड़ित है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और कैबिनेट रैंक को रेवड़ियों की तरह बांट रही है,
कांग्रेस के दो विधायकों नंदलाल और मोहन लाल ब्राक्टा की सुक्खू सरकार ने सुरक्षा और कड़ी कर दी है। उन्हें फोर प्लस सिक्योरिटी दी गई है, जिसमें एक हवलदार और चार सिपाही रहेंगे, सबको यह समझ नहीं आ रहा है की ऐसी क्या नौबत आन पड़ी।
सरकार ने शनिवार को कांगड़ा जिले की फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया को कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा दिया। उन्हें राज्य योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इससे पूर्व में कांग्रेस नेता नंदलाल को एक दिन पहले ही कैबिनेट मंत्री के स्तर का दर्जा देकर उन्हें सातवें वित्तायोग का अध्यक्ष बनाया गया है। विधायकों को सरकार में जगह देकर अपने पक्ष में साधने के प्रयास हो रहे हैं। कांग्रेस की वर्तन सरकार केवल मात्र रेवड़िया बांटकर सरकार के एकजुटता करने का प्रयास कर रही है।
ऐसी आशंका भी है की डैमेज कंट्रोल के लिए अभी सुक्खू सरकार और भी ताजपोशियां करने की तैयारी में है। एक दर्जन निगमों-बोर्डों और स्वायत्त संस्थानों में कई अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्तियां की जानी हैं। इसके लिए असंतुष्टों और ओहदों के ख्वाहिशमंदों की एक सूची बनाई जा रही है। इस सूची में चार विधायकों के नाम शामिल हैं। यह कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी तीनों ही संसदीय क्षेत्रों से हैं। उन्होंने कहा की राज्य सचिवालय के शिखर सम्मेलन हॉल में चल रही राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर अचानक उठकर तेजी से बाहर चले गए। चर्चा यह रही कि वह किसी बात से नाराज होकर कैबिनेट बैठक छोड़कर जा रहे थे। इस पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री तेजी से बाहर आए और सीढियों से ऊपर की मंजिल की ओर बढ़े। वह उन्हें मनाकर वापस कैबिनेट बैठक में ले गए। इस मामले को लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे एक नया प्रकरण उठने की चर्चा रही। लगता है कांग्रेस में अभी भी सब कुछ ठीक नहीं है।

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