एसएफआई इकाई ने सोमवार को देश और प्रदेश में बढ़ रही रेप की घटनाओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया

एसएफआई इकाई ने सोमवार को देश और प्रदेश में बढ़ रही रेप की घटनाओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया

DPLN (शिमला)
विश्वविद्यालय एसएफआई इकाई ने सोमवार को देश और प्रदेश में बढ़ रही रेप की घटनाओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने लगातार पिछले लंबे समय से देश और प्रदेश में बढ़ रही रेप की घटनाओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया इस धरना प्रदर्शन में एसएफआई हिमाचल प्रदेश इकाई सचिवालय सदस्य सरिता ने बात रखते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के अंदर पिछले कुछ समय से महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और रेप की घटनाओं को बढ़ावा मिला है जिससे हिमाचल प्रदेश के अंदर महिला सुरक्षा के ऊपर और कानून व्यवस्था के ऊपर सवाल खड़े उठते हैं उन्होंने बात रखते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा जाता है देवभूमि में इस तरह की घटनाएं जो है देवभूमि को शर्मसार करने वाली हैं
इस धरने में आगे बात रखते हुए एसएफआई हिमाचल प्रदेश कैंपस सह सचिव सन्नी सेक्टा ने कहा कि आज पूरे देश और प्रदेश के अंदर महिलाओं और बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही है परंतु हमारी केंद्र की भाजपा की सरकार इन घटनाओं पर रोक लगाने पर पूरी तरह विफल है जो भाजपा सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सत्ता में आने के बाद दिया था आज वह पूरी तरह से खोकला नजर आता है उन्होंने बात रखते हुए कहा कि आज का समाज दिन प्रतिदिन संवेदनहीन होता जा रहा है जिसके चलते इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है परंतु इसके साथ साथ देश और प्रदेश की कानून व्यवस्था के प्रति सवाल खड़े होते हैं कि वह इस तरह के मामलों पर रोक नहीं लगा पा रहा है और जो देश और प्रदेश में सरकारे है वह इन मामलो पर चुप्पी साधे हुए हैं।
एसएफआई मांग करती है कि जो दिल्ली के अंदर घटना हुई है उस अपराधी को फांसी की सजा दी जाए और उसके साथ जो हिमाचल प्रदेश के अंदर लगातार जो छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आ रही है जिसके अंदर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अंदर एक प्रोफेसर द्वारा शादी का झांसा देकर एक लड़की के साथ रेप किया जाता है उस पर जो है कार्रवाई की जाए। व शिक्षण संस्थान में gender senstisation Committee against sexual harrasment का लोकतांत्रिक तरीके से निर्माण किया जाए । इसके साथ-साथ जितने भी इस तरह के रेप और छेड़छाड़ के अपराधिक मामले सामने आए हैं उन सभी को भी सजा दी जाए और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।

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