मुख्यमंत्री ने शहरी विकास, नगर एवं ग्राम योजना और नगर निगमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

मुख्यमंत्री ने शहरी विकास, नगर एवं ग्राम योजना और नगर निगमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

DPLN (शिमला )
29 दिसम्बर।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां शहरी विकास, नगर एवं ग्राम योजना और नगर निगमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को विशेष रूप से शिमला शहर में झुग्गी में रहने वालों को आवास की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए ठोस योजना बनाने के निर्देश दिए।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी नगर पालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए आय के स्रोत सृजित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने शिमला नगर निगम के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि संजौली पार्किंग के मामले का शीघ्र समाधान किया जाए ताकि निगम इस महत्वाकांक्षी परियोजना के माध्यम से आय अर्जित कर सके। उन्होंने अधिकारियों को टूटीकंडी पार्किंग का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जो कार्यालय किराए के निजी भवनों में चल रहे हैं, उन्हें इस पार्किंग में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, क्योंकि यहां लगभग छह मंजिलें खाली पड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विशेष रूप से बढ़ते शहरों जैसे ऊना, हमीरपुर और बद्दी-बरोटीवाला आदि में कुछ नगर निगम बनाने पर भी विचार कर रही है, बशर्ते वे सभी आवश्यक मापदंडों को पूरा करते हों। उन्होंने कहा कि इससे न केवल अनियोजित निर्माण रूकेगा, बल्कि इन तेजी से उभरते शहरों का नियोजित विकास भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इन क्षेत्रों का नियोजित विकास सुनिश्चित करने के साथ-साथ पार्किंग और चिल्ड्रन पार्क के निर्माण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शहरी गरीबों के कल्याण में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों को अधिक जानकारी नहीं हैं। उन्होंने अधिकारियों को इन कल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि आम जनता लाभान्वित हो सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शहरी स्थानीय निकायों को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए संपत्ति कर में उचित सुधार लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर को सर्विस वायर्ज के जाल से मुक्त करने के लिए शिमला शहर में सर्विस डक्ट की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत छोटा शिमला से मरीना होटल, मरीना होटल से लिफ्ट दूसरे चरण में लिफ्ट से शेरे-ए-पंजाब तथा उसके बाद विधानसभा व पीटरहाफ तक सर्विस डक्ट का निर्माण किया जाएगा।
सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी सार्वजनिक उपयोगिताओं और सेवाओं को ऑनलाइन किया जाना चाहिए ताकि आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि उचित पैदल पथ का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने छोटा शिमला से ब्रॉकहर्स्ट और संजौली चौक से ढली की ओर बन रहे स्काई वाक के अनियोजित निर्माण पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगर उचित फुटपाथ का निर्माण होता तो यह और अच्छा होता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ढली स्थित हिमाचल पथ परिवहन निगम की कार्यशाला के एक भाग को स्थानान्तरित करने की योजना बना रही है ताकि ऊपरी शिमला के लिए बस स्टैंड निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे शहर में यातायात की समस्या से निजात मिलेगा और ऊपरी शिमला के यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोक निर्माण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने हुए कहा कि नाबार्ड सहित राज्य के सभी कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित करने और प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए ऑनलाइन प्रकाशन के लिए समय सीमा सात दिन निर्धारित की जाए।
उन्होंने कहा कि टैंडर की पूर्ण प्रक्रिया 20 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सभी विकास कार्यों का निर्माण समयबद्ध सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि टैंडर निकालने से पहले डीपीआर तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के विलम्ब के लिए सम्बन्धित अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और दोषी अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर विधायक अनिरुद्ध सिंह, कुलदीप सिंह राठौर और हरीश जनारथा ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
बैठक में मुख्य सचिव आर.डी. धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, प्रमुख सचिव सुभासीष पंडा और देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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