मुख्यमंत्री ने राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की घोषणा

मुख्यमंत्री ने राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की घोषणा

DPLN (शिमला )
13 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की घोषणा कर दी है. हिमाचल में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बड़ा मुद्दा बन गया था। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई, जिसके तुरंत बाद इस निर्णय को लागू कर दिया गया। प्रदेश 1.36 लाख कर्मियों को लोहड़ी पर्व पर यह तोहफा मिला है। इसकी अधिसूचना जल्द होगी। ओपीएस 2003 में बंद हुई थी। सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को लेने के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले किया वादा निभाया है। यह कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र की पहली गारंटी थी। सुक्खू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के फार्मूले को आधार बनाकर हिमाचल प्रदेश में अपना फार्मूला तैयार कर इसे लागू किया है। ओपीएस का मुद्दे कांग्रेस को सत्ता दिलाने का एक बड़ा हथियार रहा है।
इसकी बहाली के लिए हुई पहली कैबिनेट की बैठक के दौरान जहां कर्मचारियों ने राज्य सचिवालय के बाहर जश्न मनाया, वहीं प्रदेश के कई हिस्सों में जगह-जगह पर पटाखे फोडे़, लड्डू बांटे और नाटी डालकर नाच-गान हुआ। सीएम ने कहा कि प्रदेश में इस पेंशन से वंचित कर्मचारियों की संख्या करीब 1,36,000 है। उन्हें शुक्रवार से ही यह लाभ मिलना शुरू हो गया है। सीएम ने कहा कि इसकी अधिसूचना आज या कल वित्त विभाग कर देगा। जो भी विभागों, बोर्डों और निगमों के पात्र कर्मचारी हैं, उन्हें इस योजना में लाया गया है। इसे वर्ष 2003 से दिया जाएगा। इसका एरियर दो महीने, चार महीने या साल बाद जैसे-जैसे संसाधन आएंगे, वैसे-वैसे मिलेगा। पत्रकार वार्ता के दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मंत्री धनीराम शांडिल, हर्षवर्द्धन चौहान, रोहित ठाकुर, जगत सिंह नेगी, सीपीएस संजय अवस्थी आदि मौजूद रहे। वहीं कैबिनेट बैठक में मंत्री विक्रमादित्य राज्य से बाहर होने के चलते शामिल नहीं हुए।

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