चिकित्सा खंड लडभड़ोल की खंड स्तरीय टीबी उन्मूलन समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोले एसडीएम
डेली पब्लिक लाइव न्यूज़ (जोगिन्दर नगर )
04 जनवरी।
एसडीएम जोगिन्दर नगर मनीश चौधरी ने कहा कि क्षयरोग (टी.बी.) उन्मूलन के लक्ष्य प्राप्ति के लिए लडभड़ोल स्वास्थ्य खंड में सभी विभाग आपसी समन्वय एवं जन भागीदारी के साथ कार्य करना सुनिश्चित बनाएं
उन्होंने कहा कि लडभड़ोल स्वास्थ्य खंड की 42 ग्राम पंचायतों में से 10 ग्राम पंचायतें टी.बी. मुक्त घोषित हो चुकी हैं तथा शेष पंचायतों से भी टी.बी. उन्मूलन की दृष्टि से सामूहिक एवं जनभागीदारी के साथ कार्य करने का आह्वान किया। एसडीएम आज स्वास्थ्य खंड लडभड़ोल की खंड स्तरीय क्षयरोग उन्मूलन समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक का संचालन खंड चिकित्साधिकारी लडभड़ोल डॉ. लाल सिंह ने किया। इस दौरान एसडीएम ने टीबी मुक्त भारत के लिए उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को शपथ भी दिलाई।
मनीश चौधरी ने कहा कि क्षेत्र से क्षय रोग के संपूर्ण उन्मूलन के लिए लोगों में टी.बी. के प्रति जागरूकता व गंभीरता होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर ग्रामीण स्तर पर लोगों को क्षयरोग से जुड़े विभिन्न लक्षणों एवं बचाव के साथ व्यापक जन जागरूकता लाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, भूख न लग रही हो, शरीर का वजन घट रहा हो, रात में पसीना आ रहा हो, बुखार आ रहा हो, छाती में दर्द हो, बलगम में खून आ रहा हो, शरीर में थकावट महसूस हो रही हो, शरीर में गिल्टियां हो या फिर फोड़ा व सूजन ठीक न हो रही हो तो यह लक्षण टी.बी. का हो सकता है। ऐसी स्थिति में लोगों से तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर चिकित्सीय परामर्श लेने का आह्वान किया।
एसडीएम ने बताया कि बलगम की जांच के लिए सिविल अस्पताल जोगिन्दर नगर एवं लडभड़ोल में सीबी नॉट मशीन स्थापित कर दी गई हैं तथा केवल 2 घंटे के भीतर ही जांच रिपोर्ट मिल जाती है। उन्होंने कहा कि क्षयरोग का संपूर्ण इलाज उपलब्ध है तथा नियमित दवाई का सेवन करने पर टीबी मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। साथ ही कहा कि टी.बी. के प्रति लापरवाही भारी भी पड़ सकती है तथा इससे जान तक को खतरा रहता है।
एसडीएम ने विभागीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि वर्तमान में लडभड़ोल स्वास्थ्य खंड में कुल 114 क्षय रोग पीड़ित मरीज उपचाराधीन हैं, जिनमें पांच मरीज एमडीआर वर्ग में हैं। उन्होने बताया कि सरकार टीबी मरीजों को मुख्यमंत्री क्षयरोग कल्याण निवारण योजना के अंतर्गत इलाज की पूर्णावधि तक प्रतिमाह एक हजार रुपये बतौर पोषण सहायता प्रदान कर रही है, जो पहले 500 रुपये मिलते थे। साथ ही मरीज को चिकित्सा संस्थान में एमआरआई व सीटी स्कैन करवाने के लिए यात्रा भत्ता भी प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य खंड लडभड़ोल के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में तीन एमडीआर क्षय रोगियों को 27 हजार तथा वर्ष 2024-25 में पांच एमडीआर क्षय रोगियों को 33 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं को भी डॉट्स देने पर सरकार की ओर से वित्तीय लाभ दिया जा रहा है। वर्ष 2023 में 98 आशा कार्यकर्ताओं को एक लाख 26 हजार जबकि वर्ष 2024 में भी 98 आशा कार्यकर्ताओं को एक लाख 10 हजार का वित्तीय लाभ प्रदान किया है।
निक्षय मित्रा बन कर टी.बी. उन्मूलन में दें अपना महत्वपूर्ण सहयोग
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि टी.बी. उन्मूलन में सामुदायिक सहयोग सुनिश्चित करने के लिए टीबी रोगियों को किसी व्यक्ति, किसी प्रतिनिधि या संस्थान द्वारा गोद लिए जाने का भी प्रावधान किया है। ऐसे व्यक्ति, प्रतिनिधि या संस्थान को निक्षय मित्रा कहा जाता है। निक्षय मित्रा की भागीदारी में एक निक्षय मित्रा पोषण किट भी सरकार द्वारा तैयार कि गयी है, जिसमें मरीज के लिए आवश्यक पोषण सामग्री शामिल है। साथ ही निक्षय मित्रा टीबी मरीज के साथ भावनात्मक जुड़ाव भी तैयार करते हैं ताकि उन्हें टीबी जैसी गंभीर बीमारी को हीन न मानकर उससे लड़ने की ऊर्जा मिल सके। लडभड़ोल स्वास्थ्य खंड में अब तक 35 निक्षय मित्रा पंजीकृत हो चुके हैं जिनमें से 21 निक्षय मित्रा ने क्षय रोगियों को गोद लिया है। उन्होंने क्षेत्र को क्षयरोग मुक्त बनाने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों, संस्थाओं, लोगों इत्यादि से निक्षय मित्रा बनकर अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करने का भी आह्वान किया है।
टी.बी. चैंपियन प्रवीणा ने क्षय रोग बीमारी से लडऩे के अपने अनुभव किये साझा
बैठक में टी.बी. चैंपियन पधर उपमंडल की प्रवीणा ने क्षय रोग बीमारी से पीड़ित होने से लेकर ठीक होने तक के सफर को साझा किया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि टी.बी. कोई लाइलाज बीमारी नहीं है बल्कि सही समय पर सही उपचार लेने पर व्यक्ति पूर्ण तौर पर स्वस्थ हो सकता है।
बैठक में बीएमओ लडभड़ोल डॉ. लाल सिंह के अतिरिक्त वरिष्ठ चिकित्साधिकारी सिविल अस्पताल जोगिन्दर नगर डॉ. रोशन लाल कौंडल, बी.डी.ओ. पधर विनय चौहान, सीडीपीओ चौंतड़ा बी.आर.वर्मा, एसईबीपीईओ चौंतड़ा पंकज ठाकुर सहित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।