डिग्री कॉलेज कंडाघाट में आपदा प्रबंधन समिति द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया
DPLN ( कंडाघाट )
29 दिसम्बर।
राजकीय महाविद्यालय कंडाघाट में आपदा प्रबंधन समिति द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस आयोजन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर इंदिरा दरोच बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में मॉक ड्रिल के लिए गृह रक्षा विभाग सोलन से राजेंद्र सिंह, कंपनी कमांडर गृह रक्षा विभाग सोलन अपने 10 सदस्य दल के साथ महाविद्यालय के विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन के विषय में जानकारी देने के लिए तथा व्यवहारिक रूप में उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए आए हुए थे। उनके साथ आए दल के सदस्यों में बलराज, हेमावती, मनोहर लाल, यशपाल, रणवीर सिंह, सुरेश कुमार, पवन कुमार तथा नागेंद्र कुमार रहे । इस अवसर पर राजेंद्र सिंह ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों को बताया कि घटना या दुर्घटना कभी भी किसी भी समय किसी के साथ भी घट सकती है. ऐसे समय में हम प्राथमिक तौर पर उन्हें किस तरह का उपचार दे सकते हैं इस विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी साझा की तथा साथ ही साथ दल में आए सदस्यों ने मंच पर व्यवहारिक रूप से सारे दृश्यों को सभागार में बैठे सभी प्राध्यापकों व विद्यार्थियों के समक्ष दिखाया भी।
उन्होंने बताया अगर कभी भी किसी को भी कोई व्यक्ति घायल अवस्था में मिलता है तो उन्हें प्राथमिक तौर पर अकेला आदमी किस तरह से मदद कर सकता है जब तक उसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध ना करवाई जा सके। दल के साथ आई हेमावती ने बताया कि आजकल जो आए दिन कार्डियक अटेक के सिलसिले बढ़ते जा रहे हैं ऐसे समय में भी हम किस तरह से डॉक्टरी सहायता से पहले उन्हें स्वयं अपने घर के स्तर पर मदद कर सकते हैं इस विषय में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की ना केवल जानकारी प्रदान की अपितु व्यवहारिक रूप से भी इस दृश्य को अपने दल के साथ आए साथियों की सहायता से मंच पर दर्शाया भी साथ ही साथ यह भी बताया कि अगर किसी व्यक्ति को कभी भी सांप काटे तो ऐसी अवस्था में हम उन्हें प्राथमिक स्तर पर किस तरह का उपचार दे सकते हैं। इस मॉक ड्रिल में कमलजीत अग्निशमन अधिकारी, अग्निशमन विभाग सोलन भी उपस्थित थे जिन्होंने हमारे महाविद्यालय के विद्यार्थियों को बताया की अगर कभी भी आपके समक्ष आगजनी जैसी दुर्घटना घटित होती है तो ऐसी अवस्था में हम फायर एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल किस प्रकार से कर सकते हैं और इस दुर्घटना से होने वाले दुष्परिणामों को किस प्रकार से रोका जा सकता है इस विषय पर भी महाविद्यालय के प्रांगण में व्यवहारिक तौर पर प्रायोगिक प्रशिक्षण भी करवाया गया जिसमें न केवल महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने भाग लिया अपितु महाविद्यालय के आचार्य गणों ने भी इस प्रक्रिया को बखूबी सीखने का प्रयास किया। यह सारा कार्यक्रम महाविद्यालय की आपदा प्रबंधन समिति द्वारा करवाया गया जिसमें महाविद्यालय का समस्त स्टाफ सम्मिलित रहा।